इसी महीने रिटायर हो रहे CJI रमन्ना ने की किसके नाम की सिफारिश…जानिए, सिर्फ यहां!
सत्य पथिक वेबपोर्टल/नई दिल्ली/Next CJI: भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमन्ना इसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अपने उत्तराधिकारी के रूप में उन्होंने एक वरिष्ठतम न्यायमूर्ति के नाम की सिफारिश कर भी दी है। आइए जानते हैं कि मुख्य न्यायाधीश रमन्ना ने किसके नाम की सिफारिश की है?

बता दें कि सीजेआई जस्टिस एनवी रमणा इसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का कोई कार्यकाल निर्धारित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु संविधान में 65 वर्ष निर्धारित की गई है। पारंपरिक रूप से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश ही अपनी वरिष्ठता के आधार पर CJI के रूप में कार्यभार संभालते हैं। इस नियम के तहत अगर देखा जाए तो सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज उदय उमेश ललित अगले सीजेआई हो सकते हैं। इसी नियम और परंपरा को ध्यान में रखते हुए मौजूदा सीजेआई जस्टिस रमन्ना ने अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप मेंवजस्टिस यूयू ललित के नाम की सिफारिश देश के विधि एवं न्याय मंत्री को पत्र भेजकर कर भी दी है। अगर उनकी सिफारिश मान ली जाती है तो यूयू ललित देश के 49वें CJI बन जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट में दशकों बाद देश अगले चार माह में तीन चीफ जस्टिस की तैनाती देखेगा। इसी साल नवंबर माह तक CJI पहले जस्टिस यूयू ललित और फिर जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ मुख्य न्यायाधीश का ओहदा संभालेंगे। इस दिलचस्प संयोग के पांच साल बाद 2027 में भी देश ऐसे ही संयोग का साक्षी बनेगा। साल 2027 में सितंबर से अक्टूबर के दरम्यान दो महीनों में तीन नए चीफ जस्टिस आएंगे और पुराने सेवानिवृत्त होकर विदाई ले लेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड, परंपरा और प्रैक्टिस के मुताबिक 2027 में 27 सितंबर को जस्टिस विक्रम नाथ मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होंगे और देश को पहली महिला मुख्य न्यायाधीश मिलेंगी। जस्टिस बीवी नागरत्ना 35 दिन के लिए देश की मुख्य न्यायाधीश बनेंगी। इसके बाद जस्टिस पीएस नरसिम्हा 31 अक्टूबर 2027 से छह महीने तीन दिन के लिए चीफ जस्टिस बनेंगे।
बता दें कि इतने कम समय में तीन चीफ जस्टिस बनने का 2027 में तीसरा मौका होगा। सुप्रीम कोर्ट 1950 में अस्तित्व में आया था। CJI रंगनाथ मिश्रा 24 नवंबर 1991 को रिटायर हुए थे। जस्टिस कमल नारायण सिंह 25 नवंबर से 12 दिसंबर तक यानी कुल 18 दिन के लिए चीफ जस्टिस बने थे। बाद में जस्टिस एमएच कानिया चीफ जस्टिस बने और 13 दिसंबर 1991 से 17 नवंबर 1992 तक यानी 11 महीने जिम्मेदारी संभाली थीज।