पति की हत्या में सजा काट रही अंबाला की बलजीत कौर की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला

चंडीगढ़, सत्य पथिक न्यूज नेटवर्क: एक महत्वपूर्ण फैसले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि पत्नी फैमिली पेंशन के लिए पात्र होगी, भले ही वह अपने पति की हत्या कर दे। अदालत ने 25 जनवरी को हरियाणा के एक मामले की सुनवाई करते साफ-साफ कह दिया कि पति की हत्या करने पर भी पत्नी को पारिवारिक पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है। पारिवारिक पेंशन एक कल्याणकारी योजना है जिसे सरकारी कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था। आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जाने पर भी पत्नी पारिवारिक पेंशन की हकदार है।

यह फैसला अंबाला की बलजीत कौर द्वारा दायर की गई एक याचिका की सुनवाई के दौरान आया। बलजीत कौर बनाम हरियाणा राज्य केस में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा-कोई भी सुनहरा अंडा देने वाली मुर्गी को नहीं काटता है। कोर्ट ने अपना फैसला पढ़ते समय साफ-साफ कहा कि फैमिली पेंशन कल्याण योजना है जो सरकारी कर्मचारी की मौत की स्थिति में उसके परिवार को आर्थिक मदद मुहैया कराती है।

सीसीएस में भी है इसका जिक्र

बता दें कि पत्नी को सीसीएस (पेंशन) रूल्स, 1972 के तहत पति की मौत के बाद फैमिली पेंशन की हकदार माना गया है। सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद उसकी पत्नी दूसरी शादी कर लेती है तो भी वो फैमिली पेंशन पाने की पात्र है।

बलजीत कौर अंबाला की रहने वाली हैं। उन्होंने पति की मौत के बाद पेंशन पाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने कोर्ट को बताया था कि उनके पति तरसेम सिंह हरियाणा सरकार के कर्मचारी थे।2008 में उनकी मौत हुई थी और 2009 में पति की हत्या के केस में उन्हें बुक किया गया और 2011 में दोषी ठहराया गया। बलजीत कौर को 2011 तक फैमिली पेंशन मिलती रही थी लेकिन दोषी ठहराए जाने के बाद हरियाणा सरकार ने उनकी पेंशन रोक दी थी।पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के उस फैसले को खारिज करते हुए संबंधित विभाग को सारे बकाया के साथ याचिकाकर्ता को दो महीने के अंदर पेंशन भुगतान करने का आर्डर दिया है।

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