
कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और वेस्ट यूपी के किसान दिल्ली बॉर्डर पर आन्दोलन कर रहे हैं, ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी में खेत और फसल की देखरेख का जिम्मा उठाया है घर की महिलाओं और बेटियों ने। ये महिलाएं नारी शक्ति की मिसाल पेश करते हुए खेत में फावड़े से लेकर ट्रैक्टर तक चला रहीं हैं।

हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की। यहां दौराला ब्लाक के गेसूपुर बसावत गांव के रहने वाले जसवीर सिंह भी भाकियू के नेतृत्व में आंदोलन में गए हैं, उनके दोनों बेटे विशु चौधरी और राजा चौधरी भी अपने हक की इस जंग में पिता के साथ गए हैं। गांव में उनके 20 बीघा खेत हैं और वहां फसल भी लगी है। खेत की देखरेख जसवीर और उनके दोनों बेटे ही करते हैं, ऐसे में उनके पीछे फसल खराब होने का डर है। यही देखते हुए उनकी पत्नी मिथलेश और दोनों बेटियों निशु चौधरी और मानसी चौधरी ने संभाल ली। निशु एमपीएड की छात्रा है जबकि मानसी 12वी में हैं। दोनों बेटियां अपनी मां के साथ खेत की जुताई में लगी हुई हैं।

जहां निशु ट्रैक्टर चला रहीं हैं वहीं उनकी मां मिथलेश और बहन मानसी ने गन्ने के खेत में छिलाई और आलू के खेत में सिंचाई की है। निशू चौधरी ने बताया “उनके पिता और भाइयों के साथ ही चाचा व गांव के अन्य लोग कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन के लिए दिल्ली में हैं, ऐसे में उनके पीछे खेत में लगी फसल खराब हो सकती थी, इसीलिए उन्होंने खेत संभाले।

निशू की ही तरह गांव के अन्य घरों की बहुएं और बेटियां फसलों की निराई गुड़ाई कर रहीं हैं। ग्रेजुएशन की छात्रा पायल के घर के पुरुष व महिला सदस्य आंदोलन में हिस्सा लेने गए हैं। ऐसे में वह पहले घर का काम निपटाती हैं और फिर खेतों में फसल की देखभाल करती हैं।
Meerut: Female members of farmers' families seen carrying agricultural activities in fields since male members have joined Farmers' protest in Delhi.
"Since men of our family are away at protest sites, so we've to take care of crops," says Nishu Chaudhary, daughter of a farmer. pic.twitter.com/wZWvTFCiqJ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 2, 2020